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लेखक:

मदन मोहन

जन्म : 1 जुलाई 1947 को उत्तर प्रदेश के सन्त कबीर नगर जिले के बनकसिया गाँव में।

कृतियों में पाँच कहानी-संग्रह-छलांग, बच्चे बड़े हो रहे हैं, हारु चंपा तथा अन्य कहानियाँ पाताल-पानी व दो उपन्यास-जहाँ एक जंगल था और आहत नाद।

दो कहानी-संग्रह-अम्मा का संदूक और चुनी हुई कहानियाँ शीघ्र प्रकाश्य।

कहानी संग्रह बच्चे बड़े हो रहे हैं के लिए कथाश्री सम्मान तथा उपन्यास जहाँ एक जंगल था के लिए प्रेमचन्द स्मृति कथा सम्मान।

कहानियाँ उर्दू, बांग्ला, मलयाली तथा भोजपुरी भाषाओं में अनूदित।

सम्प्रति : गोरखपुर में निवास और स्वतन्त्र लेखन।

आहत नाद

मदन मोहन

मूल्य: Rs. 350

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पाताल पानी

मदन मोहन

मूल्य: Rs. 225

मदन मोहन की इन कहानियों का यथार्थ बहुरंगी है। यहाँ संकेत हैं और हैं कहानीकार की गहरी चिताएँ, जो आज के समय से जुड़ी हैं।   आगे...

 

   2 पुस्तकें हैं|